प्याज के फायदे
कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि Pyaz का जन्म स्थान फिलिस्तीन है, जहां से सदियों पूर्व यह भ्रमणकारियों के द्वारा भारत पहुंचा. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि प्याज का जन्म भारत में हुआ. वैसे प्राचीन भारतीय धर्म एवं चिकित्सा ग्रंथों में भी यथा स्थान प्याज का वर्णन मिलता है. जिससे ज्ञात होता है कि प्याज हजारों वर्षों से भारत में विद्यमान है.खैर Pyaz का जन्म भारत में हुआ हो या फिलिस्तीन में, यह लाजबाब प्याज Ke Fayede आप इस पोस्ट में पढ़ सकते हो .
Pyaz प्रायः संपूर्ण देश में आसानी से उपलब्ध होने वाला कंद है. इसे सब्जी मसाला के साथ-साथ दवा के रूप में भी धड़ल्ले से उपयोग में लाया जाता है. प्याज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, एक लाल चमड़े वाली एवं सफेद चमड़े वाली. दोनों ही Pyaz के गुण लगभग एक समान हैं पर चिकित्सा जगत में सफेद Pyaz को श्रेष्ठ माना गया है. इसके अलावा भी लगभग पचास प्रजातियां भारत में उगाई जाती हैं. जिनमें प्रमुख हैं- नासिक लाल, पूसा रतनार, लाल ग्लोब, पूसा रेड, हिसार-2, पंजाब लाल, एंग्लो ग्लोब, प्राईज टेकर, अर्लीग्रानों, पटना ग्लोब, बी.एल-67, उदयपुर-103, बेलारी लाल, पूना लाल आदि.
Pyaz me konsa vitamin paya jata hai
वैज्ञानिक विश्रूषण के अनुसार Pyaz में प्रोटीन-1.8 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट्स-5.2 प्रतिशत, सोडियम-10.2 प्रतिशत, पोटेशिम- 11.7 प्रतिशत, कैल्सियम-31.2 प्रतिशत, मैग्नेशियम-7.6 प्रतिशत, आयरन-0.3 प्रतिशत, ताम्बा-0.8 प्रतिशत, स्फुर-30 प्रतिशत, क्लोरीन-19.5. विटामिन ए-24, विटामिन बी.-40, विटामिन सी.-52 अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रति दस लाख यूनिट में पायी जाती है. इसके अतिरिक्त जलवाष्प-47.4 ग्राम, फाइवर-0.7 ग्राम, कैलोरीज-49.0 ग्राम, निकोटिनिक एसिड- 0.4 प्रतिशत, राइबोमलैबिन-10 ग्राम के साथ- साथ कुछ अन्य पदार्थ भी 0.4 ग्राम, प्रति 100 ग्राम Pyaz mai paya jata hai
Pyaz काटते समय अक्सर आंखों से आंसू टपकने लगते हैं, क्योंकि Pyaz में एक विशिष्ट प्रकार का वाष्पशील तेल होता है. उस तेल में बहुत गंधक निहित होता है. प्याज के विशिष्ठ गंध का कारण भी वही वाष्पशील तेल होता है. प्याज काटते समय वाष्पशील तेल उड़कर आंखों में पहुंच जाता है जहां वह एक तरह के अम्ल में बदल जाता है. अम्ल आंखों में उत्तेजना पैदा करता है जिससे आंखें आंसू को बहुतायत में उत्पन्न करके इस उत्तेजना का सामना करती हैं. ये आंसू आंखों को धोकर अम्ल को दूर कर देते हैं.
Pyaz खाने के बाद मुंह की गंध से नाक- भौह सिकोड़ना ठीक नहीं है. यदि गंध दबानी हो तो प्याज खाने के बाद थोड़ी सी अजवायन या Tulsi का पत्ता चबा कर खा लें गंध तुरंत कम हो जाएगा.
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार प्याज उत्तेजना होने के साथ-साथ कीटाणुनाशक भी है. यह शरीर के अंदर जाकर विभिन्न रोगों के कीटाणुओं का संहार भी करती है. नपुंसकता एवं नेत्ररोग में तो Pyaz रामबाण की तरह असर करता है. अतः भोजन एवं सलाद के रूप में प्याज का नियमित सेवन करके इन रोगों से बचा जा सकता है. इसके अलावा अन्य रोगों में भी जादू की तरह असर करता है, आजमाइये और लाभ उठाइये.
Pyaz Ke Gun
- Pyaz काटकर बेहोश व्यक्ति की नाक पर रखने से मिर्गी की बेहोशी दूर हो जाती है.
- यदि कान में दर्द हो रहा हो तो प्याज को गर्म राख में भून कर उसका रस निचोड़ कर कान में टपकायें दर्द फौरन दूर होगा.
- यदि रात में ठीक से नींद नहीं आती हो तो रोजाना रात में प्याज और दही खाया करें, भरपूर नींद आएगी.
- प्याज के टुकड़ों पर नींबू रस व नमक डालकर भोजन के साथ खाने से कब्ज, पेट गैस की बीमारी दूर होती है.
- सुबह शाम कच्चा प्याज खाने से नपुंशकता का नाश होता है और यौन क्षमता बढ़ जाती है.
- बिच्छू-मधुमक्खी के काटने पर प्यास के रस में समभाग नौसादर मिलाकर लगाने से दर्द तुरंत ठीक हो जाता है.
- Pyaz के सेवन से नेत्र विकार भी दूर हो जाते हैं और हैजा, टी.वी. वगैरह जल्दी होने की संभावना नहीं रहती है.
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