गूलर के फायदे
गूलर यह आयुर्वेद ग्रंथों की बहुचर्चित औषधि है. अथर्ववेद में भी इसके पौष्टिक गुणों की प्रशंसा की गई है. इस वृक्ष के कच्चे फक्के फल दूध, पत्ते, तने की छाल, जड़ की छाल आदि औषधि के रूप में काम में लिये जाते हैं, अत: गूलर अति उपयोगी औषधीय वनस्पतियों में से एक सुप्रसिद्ध वृक्ष है. गांव-घरों में भी दवा के तौर पर इसका व्यापक प्रयोग किया जाता है. गूलर को लेकर अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं. इसको 'अपुष्पा' भी कहा जाता है. गूलर के फूल दिखाई नहीं पड़ते हैं अथवा गुप्त रूप में होते हैं. कहा जाता है जिस व्यक्ति को गूलर का पुष्प मिल जाए वह अविलंब धनधान्य से पूर्ण हो जाता है. यह भी मान्यता है कि जिस स्थान पर गूलर का पेड़ होता है उसके नीचे अथवा अगल-बगल मीठे और स्वास्थकर जल का स्त्रोत होता है. इसके फल में सूक्ष्म जंतु भी पाए जाते हैं, जो अन्दर ही स्वयंजात रूप में होते हैं.
![]() |
Image source - google | Image by -https://food.ndtv.com |
भाषा भेद के अनुसार इसके विविध नाम हैं:
- संस्कृत- उदुम्बर,
- हेमदुग्ध, अपुष्पा
- हिन्दी- गूलर, काकमाल
- मराठी- औदुम्बर
- लेटिन- फाइकस ग्लोमेराटा
रोगानुसार गूलर का उपयोग तथा विविध प्रयोग
0 Post a Comment